कैंसर से लड़ने वाले शीर्ष 5 खाद्य पदार्थ
By Dr. Meenu Walia in Medical Oncology , Nutrition And Dietetics , Cancer Care / Oncology
Aug 29 , 2023 | अंग्रेजी में पढ़ें
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कैंसर, दुनिया भर में हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली एक बड़ी बीमारी के रूप में प्रचलित है। किसी में कैंसर की पहचान- मरीज, उसके परिवार एवं उसके दोस्तों को हतोत्साहित करने का कारण बन सकता है। निश्चित रूप से कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए यह सबसे मुश्किल समय में से एक है।
कोई भी वास्तव में कैंसर की लड़ाई लड़ सकता है और कैंसर को पराजित कर एक विजेता के रूप में सामने आ सकता है। कैंसर से लड़ने के लिए आवश्यक मानदंड - डॉक्टर परामर्श, सर्जरी और कीमोथेरेपी के अलावा और चीजें भी हैं, जो मरीज़ अपने दैनिक जीवन में सम्मिलित कर सकता है।
कैंसर को समाप्त करने की सम्भावनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए उपचार के साथ-साथ एंटी-कैंसर आहार एक महत्वपूर्ण रणनीति है।
दिल्ली में सबसे अच्छे कैंसर उपचार अस्पतालों में से एक, मैक्स हेल्थकेयर में कैंसर से जूझ रहे रोगियों के लिए हम स्वस्थ पोषण की सलाह देते हैं।
कैंसर से लड़ने वाले शीर्ष 5 प्रभावी खाद्य पदार्थ
विभिन्न शोधकर्ताओं के अनुसार, एक पौष्टिक आहार कैंसर को परास्त करने की संभावना को बढ़ा सकता है।
चूंकि भोजन एक ऐसी अनिवार्यता है जिसे मनुष्य दिन में कई बार ग्रहण करता है, अतः नीचे कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार का उल्लेख किया जा रहा है जिनके सेवन से शरीर पर निरंतर प्रभाव पड़ता है।
कैंसर से लड़ने वाले शीर्ष पाँच खाद्य पदार्थ जिन्हें रोगी के आहार में सम्मिलित किया जाना चाहिए-
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पत्तेदार (क्रूसिफेरस) सब्जियाँ
चुकंदर, मूली, गोभी, फूलगोभी, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और सरसों का साग कुछ ऐसी सब्जियां हैं जो कि सब्जियों के ब्रैसिसेकी परिवार से संबंधित हैं। क्रूसिफेरस सब्जियां विभिन्न कैरोटीनॉयड (बीटा-कैरोटीन, ल्यूटिन, ज़ेक्सैंथिन) सहित विटामिन सी; ई; के; फोलेट; और खनिज पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। इनमें फाइबर भी पाया जाता है। इसके अतिरिक्त, क्रूसिफेरस सब्जियों में ग्लुकोसिनोलेट्स नामक एक सल्फर-युक्त संयोजकों का समूह पाया जाता है। इन संयोजकों के कारण ही क्रूसिफेरस सब्जियों में तीष्ण गंध और कड़वा स्वाद उत्पन्न होता है। -
हरे पत्तेदार सब्जियां
हरे पत्तेदार सब्जियों में कई संभावित रसायनिक प्रतिरोधी (केमोप्रीवेंटिव) संयोजन होते हैं। पर्णहरित (क्लोरोफिल) और इसके अवयव जटिल संरचना द्वारा एफ़्लैटॉक्सिन और अन्य म्यूटैगेंस को साफ़ करते हैं, और विभिन्न जानवरों और मानव मॉडल में कैंसरकारी (कार्सिनोजेन्स) तत्वों के सापेक्ष सुरक्षा प्रदान करते हैं।
हरी सब्जियों में एंटीऑक्सीडेंट एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने वाले गुण भी विद्यमान होते हैं। फोलेट डीएनए संश्लेषण और मेथिलिकरण के लिए उपयोगी है व विशेष रूप से तेजी से फैलने वाले ऊतकों के लिए भी आवश्यक है।
कैंसर की रोकथाम में किलेबंदी (फोर्टिफिकेशन) के लिए उपयोग किए जाने वाले अधिक स्थिर फोलिक एसिड के लिए आहार फोलेट अधिक उपयुक्त हो सकता है।
विभिन्न हरी सब्जियों में से पालक और पेरिला पर बहुत गहन अध्ययन किया गया। पालक एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है और इसके ग्लाइकोलिपिड अंश कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को रोकते हैं और ‘माउस मॉडल’ में ट्यूमर को दबाते हैं। -
लहसुन
लहसुन (एलियम सैटिवम एल) सबसे पुराने पौधों में से एक है, जो अपने आहार और औषधीय मूल्यों के कारण उगाए जाते हैं। यह अद्भुत पौधा विभिन्न औषधीय गुणों जैसे सूक्ष्मजीवीरोधी़ (एंटी-माइक्रोबियल), वातनाशक (एंटी-आर्थ्रिटिक), रक्तघनिकारक विरोधी (एंटीथ्रॉम्बोटिक), ट्यूमर प्रतिरोधी (एंटी-ट्यूमर), रक्तशर्करा संतुलनकारी (हाइपोग्लाइसेमिक) और लिपीड नियंत्रक (हाइपोलिपिडेमिक) गतिविधियों से संपन्न है।
लहसुन के विभिन्न लाभकारी औषधीय प्रभावों में, इसकी कैंसर-रोधी गतिविधि का शायद सबसे अधिक अध्ययन किया गया है। लहसुन का सेवन कैंसर के खतरे से प्रभावशाली सुरक्षा प्रदान करता है।
लहसुन के बहु-लक्षीय प्रभाव और महत्वपूर्ण विषाक्तता की कमी को देखते हुए, यह संभावना है कि लहसुन के कुछ सक्रिय उपापचय (मेटाबोलाइट्स) कैंसर कोशिकाओं को मारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
लहसुन में एंटी-कैंसर गुणों वाले कई जैवसक्रिय (बायोएक्टिव) अणु होते हैं, जिनमें डायलिल ट्राइसल्फ़ाइड, एलिसिन, डायलिल डाइसल्फ़ाइड, डायलिल सल्फाइड और एलिलमेरकैप्टन सम्मिलित हैं।
लहसुन से प्राप्त विभिन्न उत्पादों, उसके फाइटोकॉंपाउंडों और नैनोफॉर्मुलेशन के प्रभावों का मूल्यांकन निम्न के सापेक्ष में किया गया है-
- त्वचा कैंसर
- प्रोस्टेट कैंसर
- ओवेरियन कैंसर
- स्तन कैंसर
- आमाशय का कैंसर
- पेट का कैंसर
- मुख कैंसर
- यकृत कैंसर
- अग्न्याशय के कैंसर
एलिसिन, लहसुन में पाया जाने वाला एक प्रज्वलनरोधी (एंटी-इन्फ्लामेट्री) घटक है एवं ट्यूमर को रक्त की आपूर्ति का अवरोध करने के लिए जाना जाता है। इसमें ट्रिप्टोफैन, सेलेनियम और सल्फर पर आधारित सक्रिय तत्व होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करने के लिए उत्तरदायी होते हैं। -
टमाटर
इनमें लाइकोपीन (एक प्रकार का कैरोटीनॉयड) की मात्रा अधिक होती है, जिसके कारण टमाटर का रंग लाल होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि लाइकोपीन प्रोस्टेट, फेफड़े और पेट के कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
सशक्त एंटी-ऑक्सिडेंट खराब (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल एवं रक्तचाप को घटाकर हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
इसके अलावा, यह प्रमाणित है कि लाइकोपीन के सेवन में वृद्धि से अग्न्याशय, मलाशय, आंत, भोजन-नलिका, मुखकोष्ठ, स्तन और गले के कैंसर को कम किया जा सकता है। लाइकोपीन एक वसा-घुलनशील यौगिक है, अर्थात वसा (तेल) के साथ इसका सेवन करने से इसकी जैव उपलब्धता बढ़ जाती है।
इसलिए, आप अपने सलाद में ताजा टमाटर से अधिक लाइकोपीन प्राप्त करेंगे यदि आप इसे कम वसा वाले ड्रेसिंग के बजाय पूर्ण वसा वाले ड्रेसिंग के साथ मिला देते हैं। -
जामुन(बेरीज़)
आहार संबंधी आदतें, जिसमें विशेष आहार जैसे बेरीज़ और जैविक सक्रिया (बायोएक्टिव) यौगिकों का नियमित सेवन सम्मिलित होता है, महामारी अध्ययन के अनुसार पौधों में पाये जाने वाले लाभ के अतिरिक्त विशिष्ट आणविक और सेलुलर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
भोजन का सेवन (मोटापे की दर को कम करके और पुरानी बीमारी का जोखिम कम करके) स्वास्थ्य में और सुधार करता है।
जामुन विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर होते हैं। वैज्ञानिकों ने जामुन में उनके एंटीऑक्सीडेंट गुणों और संभावित स्वास्थ्य लाभों के कारण बहुत रुचि दिखाई है।
जामुन फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरपूर होते हैं और कैंसर रोधी होते हैं।
हालांकि सभी प्रकार के जामुन फाइटोन्यूट्रिएंट्स से भरे होते हैं, ब्लैकबेरी में बड़ी संख्या में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जिन्हें एंथोसायनिन कहा जाता है।
ये एंथोसायनिन प्रीमैलिग्नेंट कोशिकाओं के विकास को रोकते हैं और ट्यूमर को पोषित करने वाली रक्त वाहिकाओं के निर्माण को अवरुद्ध करते हैं। इन्हें त्वचा, भोजन नलिका, मुखकोष्ठ, और मलाशय कैंसर की घटनाओं को कम करने के लिए उत्तरदायी माना जाता है।
कैंसर से लड़ने वाले अन्य प्रभावी खाद्य पदार्थ
गाजर: कुछ अध्ययनों के अनुसार गाजर खाने से पेट, फेफड़ों और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
फलियाँ: बीन्स में फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है, जो कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव कर सकते हैं। मानव और पशु अध्ययनों में पाया गया है कि बीन्स का अधिक सेवन कोलोरेक्टल ट्यूमर और कोलन कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।
दालचीनी: कई अध्ययनों से पता चला है कि दालचीनी के अर्क में एंटी-कैंसर प्रभाव हो सकते हैं और ट्यूमर के विकास और प्रसार को कम करने में सहायता कर सकते हैं।
मेवे (नट्स): कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि नट्स के अधिक सेवन से कैंसर का खतरा कम हो सकता है। शोध के अनुसार, कुछ प्रकार के मेवे, जैसे अखरोट, भी कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं।
जैतून का तेल: कई अध्ययनों से पता चला है कि जैतून के तेल का अधिक सेवन कुछ प्रकार के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
हल्दी: हल्दी में एक प्रकार का रसायन - कर्क्यूमिन पाया जाता है, जो मानव अध्ययनों में कई प्रकार के कैंसर और घावों के विकास को कम करने के लिए प्रमाणित है।
खट्टे (साइट्रस) फल: अध्ययनों में पाया गया है कि साइट्रस फलों का अधिक सेवन कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है, जिसमें अग्न्याशय और पेट के कैंसर के साथ-साथ पाचन और ऊपरी श्वसन तंत्र के कैंसर भी सम्मिलित हैं।
अलसी के बीज: कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि अलसी के बीज स्तन और प्रोस्टेट कैंसर के विकास को कम कर सकती है। इसमें फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो कोलोरेक्टल कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
वसायुक्त (फैटी) मछली: मछली के सेवन से कैंसर का खतरा कम हो सकता है। वसायुक्त मछली विटामिन- डी और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रदान करती है, जो कैंसर से बचाने के लिए जाने जाते हैं।
अंगूर: अंगूर के बीज सुपर-एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि से भरे होते हैं। यह एण्टी-कैंसर पदार्थ कुछ कैंसर के खिलाफ महत्वपूर्ण सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
हरी चाय: ग्रीन टी एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है और कैंसर विरोधी आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। ग्रीन टी कैंसर से लड़ने वाले खाद्य पदार्थों में से एक है जो यकृत, स्तन, अग्न्याशय, फेफड़े, इसोफेजियल और त्वचा कैंसर को रोकने में मदद कर सकती है।
पूरक और दवाएं: एंटी-कैंसर विटामिन’ शब्द भ्रामक हो सकता है। कुछ पूरक किसी व्यक्ति के कैंसर के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं या कैंसर के उपचार के दौरान शरीर को सहयोग प्रदान कर सकते हैं, लेकिन कोई पूरक ‘मानक कैंसर उपचारों’ को प्रतिस्थापित नहीं कर सकता है। कैंसर के इलाज के दौरान विटामिन और सप्लीमेंट लेने पर विचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए, क्योंकि सप्लीमेंट्स अन्य दवाओं के प्रभाव में रुकावट डाल सकते हैं या नकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकते हैं।
अभिहार (टेकअवे)
आपको कैंसर से लड़ने वाले इन खाद्य पदार्थों की मात्रा जानने के लिए अपने कैंसर विशेषज्ञ (ऑन्कोलॉजिस्ट) से परामर्श लेने की ज़रूरत है ताकि आपको कैंसर से लड़ने में मदद मिल सके।
नट्स, मशरूम, एवोकैडो, बीट्स, बीन्स, फलियां, अदरक, सूरजमुखी, अलसी, तिल और कद्दू के बीज जैसे खाद्य पदार्थ खाने से आपको कैंसर के खतरे से लड़ने में मदद मिल सकती है।
ऑन्कोलॉजिस्ट बताते हैं कि स्वस्थ आहार न केवल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में बल्कि विभिन्न बीमारियों के जोखिम को कम करने में भी एक महत्वपूर्ण शस्त्र है।
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